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भारत में है पानी का गंभीर संकट

वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम ने अपने वार्षिक वैश्विक जोखिम सर्वे में भविष्य में विभिन्न देशों में टकराव के दस सबसे गंभीर खतरों को चिन्हित किया है। इस साल के दस सबसे गंभीर वैश्विक खतरों में जल…


बदस्तूर प्रदूषण फैला रही हैं कपड़ा रंगने की इकाइयां

ऐतिहासिक शहर पानीपत में आज भी कपड़ा रंगने की सैंकड़ों इकाइयां अनेक आवासीय क्षेत्रों में प्रदूषण का प्रमुख कारण बनी हुई हैं। पता चला है कि कुछ 750 में सिर्फ 300 इकाइयां ही सेक्टर-29, पार्ट-2…


पर्यावरण प्रेमी परिन्दा है गिध्द

गिध्द एक ऐसा अनोखा पक्षी है, जिसकी निगाहें बड़ी तेज होती हैं। यह आसमान में उड़ते हुए चार-पांच मील दूर से ही मृत शिकार को आसानी से देख लेता है। दरअसल, यह कुदरत का ऐसा…


40 वर्षों में घट गए एक तिहाई पशु-पक्षी

मनुष्य के अंधाधुंध प्राकृतिक दोहन के कारण पृथ्वी पर बीते 40 सालों के दौरान जंगली जानवरों, मछलियों और पक्षियों की संख्या एक तिहाई घट गई है। विश्व में बाघों और नदी में पाई जाने वाली…


इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से हैं कैंसर और बांझपन के ख़तरे

    इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से हैं कैंसर और बांझपन के ख़तरे क्या कोई यह सोच सकता है कि किसी व्यक्ति की जेब में रखे हुए मोबाइल फोन से उत्सर्जित इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से किसी व्यक्ति में…


विश्व के मीठे पानी के महत्त्वपूर्ण जलस्रोत हैं ग्लेशियर

  विश्व के मीठे पानी के महत्त्वपूर्ण जलस्रोत हैं ग्लेशियर हमारी पृथ्वी के अनेक रहस्यों में से ग्लेशियर भी एक ऐसा रहस्य है जिसके विषय में भू-वैज्ञानिक विगत कई सदियों से जानकारी जुटाने में लगे…


जलवायु और जीवन को प्रभावित करते हैं महासागर

  जलवायु और जीवन को प्रभावित करते हैं महासागर समुद्र एवं महासागर एक शानदार एवं उत्कृष्ट सुन्दरता और मानवीय जीविका के महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। बहुत से लोगों की आजीविका समुद्रों पर निर्भर है लेकिन इनसे…


पर्यावरण प्रदूषण में सबसे ख़तरनाक है वायु-प्रदूषण

पर्यावरण प्रदूषण में सबसे ख़तरनाक है वायु-प्रदूषण बिना भोजन के हम 22 दिन तक जिन्दा रह सकते, बगैर पानी के हम 22 घण्टे जिन्दा रह लेंगे, लेकिन बिना सांस के हम 22 मिनट भी जिन्दा…


हरियाली का पर्याय रहा सम्पूर्ण उत्तर भारत कभी अपनी जीवंत संस्कृति के लिए विश्व-विख्यात रहा है …..

  प्रदूषण के कारण ख़तरे में है जीवन धरती पर हमारी पृथ्वी के पर्यावरण में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण न केवल समूची मानव जाति का जीवन दांव पर लगा है बल्कि इससे धरती…


कहाँ खो गई बरगद पीपल की छाँव ? …….

कहाँ खो गई बरगद पीपल की छाँव? हरियाली का पर्याय रहा सम्पूर्ण उत्तर भारत कभी अपनी जीवंत संस्कृति के लिए विश्व-विख्यात रहा है। बरगद, पीपल, आम, अमरुद, जामुन, नीम, शहतूत जैसे असंख्य पेड़ों की जन्मस्थली…