पर्यावरण रक्षक है जैविक खेती

स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय हमारे देश में अनेक वस्तुओं का विदेशों से आयात किया जाता था। उस समय हमारा देश खाद्यान्न के क्षेत्र में भी आत्म निर्भर नहीं था। देश के नागरिकों की उदर पूर्ति के लिए अमेरिका जैसे देशों से अनाज आयात किया जाता था। निर्यातक देश हमारी इस कमजोरी का लाभ उठाकर हमें घटिया किस्म का गेहूं भेजते थे। वे हमें बेवजह आंखें भी दिखाते थे। परन्तु देश की जनता की भूख मिटाने के लिए हमें उनकी बहुत सी नाजायज बातें भी सहन करनी पड़ती थीं। देश भर में आज जो कांग्रेस घास नामक खरपतवार हमारे लिए मुसीबत की जड़ बना हुआ है

1 Comment on "पर्यावरण रक्षक है जैविक खेती"

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