जलवायु और जीवन को प्रभावित करते हैं महासागर
समुद्र एवं महासागर एक शानदार एवं उत्कृष्ट सुन्दरता और मानवीय जीविका के महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। बहुत से लोगों की आजीविका समुद्रों पर निर्भर है लेकिन इनसे उठने वाले शक्तिशाली तूफान और सुनामी भयंकर तबाही भी ला सकते हैं। फिर भी, महासागरों ने पृथ्वी के आकार और इसकी जलवायु को बहुत अधिक गहन तरीकों से आकार तो दिया ही है, इन्हें प्रभावित भी किया है। समुद्र विज्ञान के वैज्ञानिकों का कहना है कि जीवाश्म ईंधन के जलने और उष्णकटिबंधीय वर्षावनों की कटाई से वायुमण्डल में कार्बन डाइ ऑक्साइड की संघनता बढ़ जाती है जिससे जलवायु भी धीरे-धीरे गर्म होती है। महासागर ही जलवायु परिवर्तन में एक प्रतिरोधी के रूप में महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं। समुद्री जीव प्रकाश-संश्लेषण क्रिया से वायुमण्डल की कार्बन डाइ ऑक्साइड लेकर उसे कार्बोहाइड्रेट में बदलते हैं। इन्हीं जीवों के द्वारा कार्बन डाइ ऑक्साइड अवशोषित करने से जीवाश्म ईंधन और चूना पत्थर जैसे खनिज भी समुद्रों में निर्मित होते हैं। महासागरों से ही हमें खाने का नमक प्राप्त होता है। समुद्रों में घुले 6 तत्त्वों – क्लोरीन, सोडियम, मैगनीशियम, सल्फर, कैल्शियम और पोटोशियम जैसे लवणों से ही नमक बनता है। विशालता की दृष्टि से प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, दक्षिणी अथवा अंटार्कटिका महासागर और आर्कटिक महासागर पृथ्वी के 5 मुख्य महासागर हैं।
Be the first to comment on "जलवायु और जीवन को प्रभावित करते हैं महासागर"